हापुड़/गौतमबुद्ध नगर।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल आजकल आम बात हो गई है, लेकिन जब यह लत बन जाए और पारिवारिक रिश्तों को तोड़ने का कारण बनने लगे, तो मामला गंभीर हो जाता है। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से सामने आया है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी के ‘रील्स’ बनाने और सोशल मीडिया की लत के कारण मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई है।
पति ने क्या कहा?
शिकायतकर्ता विजेंद्र कुमार, पुत्र श्री शौर्यराज सिंह, मूल निवासी बैरंगपुर उर्फ नई बस्ती, थाना दादरी, जिला गौतम बुद्ध नगर हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी निशा, पुत्री साहिब सिंह, चंडी मंदिर के पास, पिलखुआ, जिला हापुड़ की रहने वाली है। शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ एक सामान्य दांपत्य जीवन जीना चाहते थे, लेकिन सोशल मीडिया की दीवानगी ने उनके जीवन को नर्क बना दिया।
पत्नी दिनभर सोशल मीडिया पर व्यस्त रहती है
विजेंद्र कुमार का कहना है कि उनकी पत्नी दिनभर सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स जैसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रील्स बनाने में व्यस्त रहती है। वह अलग-अलग नामों से आईडी बनाकर अपनी वीडियो अपलोड करती है और फॉलोअर्स की संख्या को लेकर अत्यधिक चिंतित रहती है।
पति ने आरोप लगाया कि “अगर उसके फॉलोअर्स कम हो जाते हैं तो वह बहुत गुस्सा करती है और घर में मारपीट, झगड़ा और गाली-गलौज करती है। खाना नहीं बनाती और खुद भी खाना नहीं खाती। उल्टा हम पर आरोप लगाती है कि हम उसे उसका काम नहीं करने दे रहे हैं।”
घर के कामकाज से पूरी तरह बेपरवाह
पति के अनुसार, पत्नी की सोशल मीडिया में व्यस्तता के चलते वह घर के किसी भी काम में हाथ नहीं बंटाती है। ना खाना बनाना, ना सफाई करना, ना पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाना— सब कुछ पीछे छूट गया है। “वह सिर्फ दिनभर रील्स बनाती है। जब भी कुछ कहता हूं, तो धमकी देती है कि झूठे दहेज के केस में फंसा दूंगी।
झूठे दहेज के केस में फ़साने की धमकी
शिकायत में यह भी आरोप है कि निशा आए दिन अपने पति को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी देती है। वह कहती है कि “अगर तुमने टोका, तो मैं महिला आयोग, पुलिस और कोर्ट-कचहरी में घसीट दूंगी, दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवा दूंगी।”
इससे विजेंद्र कुमार और उनका परिवार मानसिक रूप से बुरी तरह से परेशान हो गया है। वह बताते हैं कि इस मामले को लेकर दो बार—2 फरवरी और 26 फरवरी को—महिला थाने में समझौता हुआ था। लेकिन पत्नी हर बार घर आने से इनकार कर देती है और नई-नई शर्तें रखती है।
हर बार रखती है नई शर्तें
पति का आरोप है कि समझौते के बाद भी पत्नी की जिद और शर्तें खत्म नहीं होतीं। वह हर बार कुछ नया मुद्दा खड़ा कर देती है—“ऐसे माहौल में मेरा जीना दूभर हो गया है,” विजेंद्र कुमार
पति ने की न्याय की अपील
थक हार कर, विजयेंद्र कुमार ने हापुड़ के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई और कहा, मेरी पत्नी ने सोशल मीडिया की लत और अपनी जिद के कारण मेरा जीवन नर्क बना दिया है। कृपया मेरी मदद की जाए।”
कानूनी दृष्टिकोण से मामला संवेदनशील
कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो यह मामला उन विरल मामलों में से एक है जहां पति महिला थाने में प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराने आया है। अमूमन महिला सुरक्षा और उत्पीड़न के मामलों में महिला थाने में शिकायतें आती हैं, लेकिन यह केस सामाजिक सोच को एक नया दृष्टिकोण देने वाला है।
समाज की सोच पर सवाल
यह घटना समाज में पुरुषों के प्रति फैली उस मानसिकता को भी उजागर करती है, जहां अगर कोई पुरुष प्रताड़ना का शिकार होता है तो उसे मजाक का विषय बना दिया जाता है। ऐसे मामलों में पुरुषों को भी कानूनी संरक्षण और सामाजिक सहानुभूति की उतनी ही आवश्यकता है जितनी महिलाओं को।
निष्कर्ष
विजेंद्र कुमार और निशा का मामला आधुनिक तकनीकी और पारिवारिक मूल्यों के टकराव का जीता-जागता उदाहरण है। जहां एक ओर सोशल मीडिया ने युवाओं को नई पहचान और प्लेटफॉर्म दिया है, वहीं दूसरी ओर यह पारिवारिक ताने-बाने को कमजोर कर रहा है।
कानून और समाज को अब इस पर गंभीरता से विचार करना होगा कि प्रताड़ना चाहे जिस भी पक्ष की हो—न्याय सभी को मिलना चाहिए।